Views of Guruji on Vijayadashmi
October 27, 2020
जब एक और नेक ही से उद्भूत हो आज हम सब अनेक हैं ।फिर क्यों नहीं आज हम सबके इरादे नेक हैं। उस परं-एक की, अपनी अद्वैत भाव दृष्टि की अवस्था में, विशिष्ट द्वैतों के माध्यम से सृजित हुई व्यवस्था में ही सम्पूर्ण सृष्टि का व्यक्तित्व,विस्तार...