Author: Guruji Shri Nandkishore Tiwari

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Guruji Shri Nandkishore Tiwari

Description: Know about our author, Guruji Nandkishore Tiwari of Darpan Foundation and explore the insightful blogs written by him.

Question: If for anybody to whom past and future didn't/doesn't exist, how did/does present exist, and, how & why did/do those to whom past and future didn't/doesn't exist continue existing ? Guruji: Many times I have elaborated on it . Will try once more for his...

प्रश्न: गुरुजी, अध्यात्म धर्म सम्प्रदाय रिलीजन मज़हब पंथ में क्या अंतर है? मनुष्य को इनमें से क्या चुनना चाहिए? उत्तर: गुरुजन कहते हैं कि तात्त्विक दृष्टि से हम परमेश्वर से कभी अलग नहीं हो सकते रिलीजन या मज़हब कहते हैं कि हम कभी अल्लाह या गॉड...

Functional definitions are necessary. However, the significance and urgency of definitions vary from field to field. For humanity and society to function coherently, smoothly and harmoniously. functional definitions are necessary. In the absence of clear functional definitions, chances of our experiencing incoherence in our conscience as...

प्रश्न: गुरुजी आप तो ध्यान, अक्षराहुति, सहज स्मृति क्रिया, ब्रह्माहुति, सत्संग इत्यादि के अभ्यास से विवेक और वैराग्य की अनुभूति का मार्ग दिखाते हो मुझे तो वैसे ही बिना यह सब कुछ किए किसी भी वस्तु से कोई लगाव नहीं है तो क्या फिर भी...

दक्षिण भारत समाचार पत्र में प्रकाशित इस उत्तर की प्रति पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करे. यहाँ क्लिक करें ...

प्रश्न: गुरुजी, ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में श्रीमद् भागवत गीता जयंती पर दिया आपका उद्बोधन मैं सुन रही थी, वहाँ आपने हम जैसे सामान्य श्रोताओं को तो परमात्मा कहकर संबोधित किया और इसका तर्क भी तत्क्षण स्पष्ट कर दिया किंतु वहीं पर मंचासीन व्यक्तियों को...

  प्रश्न: गुरुजी, वर्तमान वैश्विक आयोजनों व घटनाक्रमों में भारत का जैसा व्यक्तित्व, व्यवहार, चरित्र, और स्वभाव अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर प्रकट हो रहा है उसे स्वीकार करती मीडिया और सोशल मीडिया तथा जन मन से आती ये आवाज़ मुझे निरंतर सुनाई दे रही है...

  प्रश्न: गुरु जी, मेरी दृष्टि में सनातन धर्म का मूल सत्य है यह उसी पर टिका है बौद्ध धर्म करुणा पर आश्रित है और जैन धर्म अहिंसा पर।और सभी अब्राह्मिक धर्म किसी किसी न किसी पैग़म्बर या मसीहा के होने पर टिके हैं । होने...

  प्रश्न: गुरु जी, शास्त्र की परिभाषा क्या है ? हर कोई कहता है कि शास्त्र विधि का अतिक्रमण नहीं, अनुगमन और अनुकरण ही करना चाहिए ।किंतु, कौन से शास्त्र का? क्योंकि, शास्त्र तो अनेक कहे जाते हैं? और जो आज शास्त्र कहे जाते हैं उनमें...